सावन का महीना हिंदू धर्म के अनुसार बहुत पवित्र माना जाता है , उत्तरी राज्य राजस्थान, पंजाब , बिहार, उत्तरप्रदेश में श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो गया है, जबकि गुजरात राज्य में यह 25 जुलाई से प्रारंभ होगा।सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है , इसमें भगवान शिव की विशेष आराधना का महत्व है ।
श्रावण मास में कैसे करें भगवान शिव की विशेष आराधना

श्रावण मास में सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर शिवजी का जल, दूध, घी से अभिषेक करें , शिवजी को बेलपत्र , फल, फूल अर्पण करें ।अपराजिता के पुष्प शिवजी को विशेष प्रिय हैं । शिवजी की 108 माला का जाप करें तथा रुद्राष्टक और शिव स्त्रोत का पाठ करें । फलाहार निराहार या एक समय आहार लें । श्रावण में लहसुन प्याज़ जैसे तामसी आहार ना करें ।
रुद्राष्टक-
नमामीशमीशाननिर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकालकालं कृपालं गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥ तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं मनोभूतकोटिप्रभाश्रीशरीरम् । स्फुरन्मौलिकल्लोलिनीचारुगङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥ चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् । मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ॥ ४॥ प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्-भं परेशमखण्डमजं भानुकोटिप्रकाशम् । त्रयःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ ५॥ कलातीतकल्याणकल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी । चिदानन्दसन्दोहमोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ ६॥ न यावदुमानाथपादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् । न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ ७॥ न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् । जराजन्मदुःखौघतातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीशशम्भो ॥ ८॥ रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये । ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥ ॥ इति श्रीरामचरितमानसे उत्तरकाण्डे श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥

इसके अलावा श्रावण के पवित्र माह में दान, पुण्य का महत्व है , मौन व्रत भी विशेष फलदायी है ।