
जी हाँ, चीन ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जिसके अनुसार अब ट्रेन हवा में उड़ेगी। इस प्रोजेक्ट का नाम है Maglev Project।यह मैग्लेव ट्रेन इलेक्ट्रो मैग्नेटिक टेक्नोलॉजी पर काम करेगी , इस ट्रेन की खास बात यह होगी कि यह जमीन से ऊपर हवा में ट्रैवल करेगी, मैगलेव ट्रेन की स्पीड की बात करें तो यह हवाई जहाज को भी पीछे छोड़ देगी। मेगलेव प्रोजेक्ट क्या है और यह सब कैसे सम्भव होगा, आईए जानते हैं ।
चीन का मैग्लेव प्रोजेक्ट
मैग्लेव यानी, ‘मैग्नेटिक लेविटेशन’ टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे नार्थ पोल साउथ पोल को अट्रेक्ट करता है और नार्थ पोल नार्थ पोल को दूर हटाता है, यहां इसी Technology का उपयोग किया जाएगा।
यह ट्रेन हवा में सर्फेस से 10mm तक उपर रहती है, इसलिए इसमें टायर की कोई आवश्यकता नहीं होती। यह ट्रेन ट्रैक से सती नहीं होती इसलिए किसी तरह का घर्षण नहीं होता और स्पीड बहुत बढ़ जाती है , इसके अलावा यह ट्रेन बहुत स्मूद और साइलेंट चलती है।
मैग्लेव प्रोजेक्ट CRRC quindigo sifang co ltd द्वारा बनाया गया है इसका प्रोटोटाइप 2021 में बना था, अब इसकी टेस्टिंग 2025 में होने जा रही हैं। यह ट्रेन 1200 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 150 मिनट में तय कर लेगी। इसकी टेस्टिंग के लिए बीजिंग-शंघाई, और चेंगडू-चेंगिंग के बीच लाइन प्रोजेक्ट की जा रही है। चीन के हुबैई राज्य की डोंघू लेब में, जून में छोटे ट्रैक पर इसका परिक्षण किया गया। जिसमें यह ट्रेन 650 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ने में सफल रही। अब बड़े ट्रैक पर इसका परीक्षण किया जाएगा ।

हवाई जहाज़ को देगी मात !
सामान्यतया हवाई जहाज 900-1000 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलते हैं, लेकिन मैगलेव ट्रेन 600-650 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलेगी तो यह हवाई जहाज को कैसे मात देगी? इस बात का उत्तर यह है कि जब यात्री हवाई जहाज से यात्रा करते हैं तो लगभग दो घंटे पूर्व एयरपोर्ट पर पहुँचना पड़ता है। सिक्योरिटी, चेक-इन बोर्डिंग अन्य औपचारिकता पूरी करनी होती है ,लेकिन Maglev Train में सिक्योरिटी चेक इन ,बोर्डिंग आदि में समय ख़राब नहीं होगा तथा यात्री के लगभग 2 घंटे का समय बच जाएगा , जो दूरी हवाई जहाज़ में तय क़रने के लिए 4 घंटे का कुल मिलाकर समय लगता था वह दूरी लगभग 2.5 घंटे में तय की जा सकेगी । इससे साफ़ है की अगर 1500 किलोमीटर से कम की दूरी तय करनी है, तो मैग्लेव ट्रेन हवाई जहाज से यात्रियों का अधिक समय बचाने में सफल होगी ।
हाई स्पीड ट्रेन में चीन ने सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है ।
चीन हाई स्पीड ट्रेन में जापान, जर्मनी आदि सभी देशों को पीछे छोड़ रहा है। चाइना में हाई स्पीड ट्रेन का सबसे बड़ा नेटवर्क है जो की कुल 45,000 किलोमीटर से, ज़्यादा का है।
यह एक आकर्षक प्रोजेक्ट है लेकिन साथ ही कई चैलेंजेज भी है, इसको पूरा करना काफ़ी मंहगा रह सकता है क्यूंकि इसमें बेहतरीन एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा , यह भी ध्यान में रखना होगा की आम जानता में कितने लोग इसे अफोर्ड कर सकेंगे , इसके अलावा एयरलाइन्स कंपनीज को भी इसके आने से कुछ नुकसान हो सकता है , कुल मिलाकर कई डोमेस्टिक ,इकोनॉमिक, टेक्निकल चैलेंज होंगे जिनका सामना करने का बाद इस प्रोजेक्ट को सफल बनाया जा सकता है , अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो रेल परिवहन में यह नया बेंचमार्क सेट करेगा ।