Gen Z के शाहरुख़ ख़ान ‘अहान पांडे’

सैयारा फ़िल्म के अभिनेता अहान पांडे चर्चा का विषय बने हुए हैं । सैयारा उनकी debut फ़िल्म है और सिर्फ़ 4 दिन में 100 करोड़ का आँकड़ा पार करने वाली फ़िल्म बन गई है । यह एक रोमांटिक फ़िल्म है , लोग इस फ़िल्म में उनके अभिनय की जम कर तारीफ़ कर रहे हैं

कौन है अहान पाण्डे

अहान पांडे का जन्म 23 सितंबर 1997 को हुआ है , उनकी उम्र 22 वर्ष है उनकी माता एक फेमस फिटनेस ट्रेनर है जबकि पिता विख्यात बिजनेसमैन हैं । जब उनकी सैयारा फ़िल्म आयी तब एक और चर्चा का विषय ये रहा की वो जाने माने अभिनेता चंकी पांडे के भतीजे और अनन्या पांडे उनकी चचेरी बहन है ।

अहान के दादा शरद पांडे के नाम पर है मुंबई का ये चौक

अहान के दादा शरद पाण्डे अपने समय के बहुत सफल चिकित्सक रहे हैं , शरद पांडे सफलता पूर्वक हार्ट ट्रास्पलांट करने वाले देश के प्रथम डॉक्टर थे ।डॉक्टर शरद पांडे के सम्मान में मुंबई में एक चौक का नाम डॉ शरद पांडे चौक रखा गया है ।

आज से शुरू होगा गुजरात में सावन ।

सावन का महीना हिंदू धर्म के अनुसार बहुत पवित्र माना जाता है , उत्तरी राज्य राजस्थान, पंजाब , बिहार, उत्तरप्रदेश में श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो गया है, जबकि गुजरात राज्य में यह 25 जुलाई से प्रारंभ होगा।सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है , इसमें भगवान शिव की विशेष आराधना का महत्व है ।

श्रावण मास में कैसे करें भगवान शिव की विशेष आराधना

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श्रावण मास में सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर शिवजी का जल, दूध, घी से अभिषेक करें , शिवजी को बेलपत्र , फल, फूल अर्पण करें ।अपराजिता के पुष्प शिवजी को विशेष प्रिय हैं । शिवजी की 108 माला का जाप करें तथा रुद्राष्टक और शिव स्त्रोत का पाठ करें । फलाहार निराहार या एक समय आहार लें । श्रावण में लहसुन प्याज़ जैसे तामसी आहार ना करें ।

रुद्राष्टक-

नमामीशमीशाननिर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकालकालं कृपालं गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥

तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं मनोभूतकोटिप्रभाश्रीशरीरम् ।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनीचारुगङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥

चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ॥ ४॥

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्-भं परेशमखण्डमजं भानुकोटिप्रकाशम् ।
त्रयःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ ५॥

कलातीतकल्याणकल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्दसन्दोहमोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ ६॥

न यावदुमानाथपादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ ७॥

न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् ।
जराजन्मदुःखौघतातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीशशम्भो ॥ ८॥

रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥

॥  इति श्रीरामचरितमानसे उत्तरकाण्डे श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं
        श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥

इसके अलावा श्रावण के पवित्र माह में दान, पुण्य का महत्व है , मौन व्रत भी विशेष फलदायी है ।